Bsc/bcom part 1st general Hindi 2020 1. निम्नलिखित पद्यावतरणों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए : (क) दीपक दीया तेल भरि, बाती दई अघट्ट। पूरा किया बिसाहूणाँ, बहुरि न आँवौं हट्ट।। जैसे माया मन रमै, यूँ जे राम रमाइ। तारा मंडल छाँड़िकरि, जहाँ के सो तहाँ जाइ।। बिरह भुवंगम तन बसै, मंत्र न लागै कोइ। राम बियोगी न जिवै, जिवै त बीरा होइ।। अथवा वह संसार जहाँ पर पहुँची अब तक नहीं किरण है, जहाँ क्षितिज है शून्य, अभी तक अम्बर तिमिर-वरण है। देख जहाँ का दृश्य आज भी अन्तस्तल हिलता है, माँ को लज्जा-वसन और शिशु को न क्षीर मिलता है। पूछ रहा है जहाँ चकित हो जन-जन देख अकाज, सात वर्ष हो गए, राह में अटका कहाँ स्वराज? (ख) कलि नाम कामतरु रामको। दलनिहार दारिद दुकाल दुखः दोष घोर घन घामको।। नाम लेत दाहिनो होत मनः बाम बिधाता बामको। कहत मुनीस महेश महातमः उलटे सूधे नामको। भलो लोक-परलोक तासु जाके बल ललित-ललामको। तुलसी जग जानियत नामते सोच न कूच मुकामको। । सहानुभूति चाहिए, महाविभूति है यही, वशीकृता सदैव है बनी हुई स्वयं मही। विरुद्धवाद बुद्ध का दया-प्रवाह में बहा, विनीत लोक...